चाय Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 16, 2022 वो बरसती शाम और तेरा कंपकंपाते हाथो से चाय लाना फिर थोड़ा झिझकते हुए लरज़ते होठों से गिलास लगाना और उसकी ओट से चोरी चोरी मुझसे ऑंखे लड़ाना मै देखू तो सिहर कर सिमट जाना अब भी याद है मुझे जाने कहाँ खो गये हैं पल वो सुकूं के Read more